शुक्रवार, 22 मार्च 2013

होली


होली नाम है पवित्रता का
प्रीत का और मित्रता का,

होली नाम है गुलाल का
आबीर का और ताल का,

होली रंग भी है राग भी
और प्रेम का अनुरग भी,

होली धर्म भी है जीत भी
और प्रेमियों कि प्रीत भी है,

होली राम है रहीम भी
अल्लाह और मीर भी है,

होली राधा है मोहन है
मीरा और हीर भी है,

होली हुडदंग भी है
मस्ती और उमंग भी है,

होली मधुमास भी है
नॄत्य ओर रास भी है,

होली राग भी है फाग भी
बिरही का बिराग भी है,

होली ढोल भी है पोल भी
गोपियों का झोल भी है,

होली नाम है बंधुता का
रिश्तों कि अटूटता का,

होली नाम है मान,स्वाभिमान का
एक दूजे के समामन का ||

                                                   
   आप सभी को होली कि हार्दिक शुभ कामनायै...................               

                                           


5 टिप्‍पणियां:

  1. एक निवेदन
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  3. मेरी कविता को लिंक करने के लिए आपका हर्दिक धन्यवाद बिभा जी।

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